प्यारा लागे भोलानाथ मोरी मैया मोय प्यारा लागे ।।
देवन में महादेव बड़ा है,
सब जुग जश विख्यात मेरी मैया ।। प्यारा लागे।।
भेष अनेक करे भोलाशंभु,
माया है उनके हाथ मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
जन्म जन्म के वो पती हमारे,
मैं हूँ उनके साथ मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
नंदीगण असवारी है शिव के,
भूत प्रेत रहे साथ मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
आदि पुरुष अविनाशी है शिवजी,
तीन लोक के नाथ मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
सुरनर मुनिजन सब गुण गावे,
वेद शास्त्र विख्यात मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
हंसराज हर हर गुण गावे,
भव सागर तिर जात मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
देवन में महादेव बड़ा है,
सब जुग जश विख्यात मेरी मैया ।। प्यारा लागे।।
भेष अनेक करे भोलाशंभु,
माया है उनके हाथ मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
जन्म जन्म के वो पती हमारे,
मैं हूँ उनके साथ मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
नंदीगण असवारी है शिव के,
भूत प्रेत रहे साथ मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
आदि पुरुष अविनाशी है शिवजी,
तीन लोक के नाथ मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
सुरनर मुनिजन सब गुण गावे,
वेद शास्त्र विख्यात मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
हंसराज हर हर गुण गावे,
भव सागर तिर जात मोरी मैया ।। प्यारा लागे।।
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