Monday, February 17, 2020

Bhole Girja Pati - भोले गिरजा पति हूँ तुम्हारी शरण - Shiv Bhajan By Lakhbir Singh Lakkha


भंवर में नाव पड़ी है, बीच मझधार हूँ मैं, सहारा दीजिये आकर, की अब लाचार हूँ मैं

भोले गिरजा पति हूँ तुम्हारी शरण हो भोले गिरजा पति हूँ तुम्हारी शरण
हो भोले गिरजा पति हूँ तुम्हारी शरण हो भोले गिरजा पति हूँ तुम्हारी शरण
है कैलाशपति हूँ तुम्हारी शरण 
है कैलाशपति हूँ तुम्हारी शरण
तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण
तुम्हारी शरण 

सुना है आपका जिसने कभी पुकार किया-2 
तो उसका आपने संकट से है उद्धार किया 
भगत हूँ आपका में भी तो ए मेरे भोले आपका हमने भी है सरकार किया 
हूँ तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण

सदा दरबार में इक भीड़ भगतों की लगी देखी, 
हर एक भगत की झोली आपके दर पे भोले भरी देखी 
कोई लोटा नहीं खली, तुम्हारे द्वार पे आके, 
निपुत्री बाँझ की हमने याही गोदी हरी देखी 
इसलिए यही है प्रार्थना तुमसे मेरी भोले शंकर, 
(दया की दृष्टि जरा डाल दो भोले मुझपर-2)
तुम्हारे द्वार पे भोले तुम्हरी चोखट पे, झुका दिया है तेरे भक्त ने यह कहके सर 
हूँ तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण

मैं तो नादान हूँ दुनिया से भी अंजना हूँ, 
पर ये सच है की भोले में तेरा दीवाना हूँ 
ठोकरें दुनिया की मेरे भोले मेरे बाबा 
(ठोकरें दुनिया की भोले में बहुत खाया हूँ-2)
ठोकरें दुनिया की भोले में बहुत खाया हूँ
होके लाचार तेरे द्वार पे में आया हूँ 
की हूँ तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण

मेरी झोली मेरी झोली 
मेरी झोली चरण के धुल से इक बार भर दीजे -2
महर की इक नजर अब भक्तों पे सरकार कर दिजे
शरण देते हो सबको शरण शरण, 
शरण देते हो सबको, मेरी खातिर क्यों हुए देरी 
तुम्हारे हाथ में अब लाज है भोले प्रभु मेरी 
की हूँ तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण

तुम जो चाहोगे तो तक़दीर पलट जाएगी, 
दुःख और संकट सभी इक पल में ही हट जाएगी 
मुझको विश्वास है और दिल में यहीं है मुझको 
छोड़कर आपकी चौखट को अगर जाऊंगा, 
अपने चरणों में पड़ा रहने दो मुझको भोले 
गर चरण छुटे तो बेमौत ही मर जाऊंगा 
की हूँ तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण

तुम्हारे नाम के प्याले को पि रहा हूँ मैं, 
कृपा से आपकी दुनिया में जी रहा हूँ में-2
दया कर मेरे भोले मेरे बाबा, ये शर्मा की दुहाई है 
मेरी बिगड़ी बना दे-2 तुमने लाखों की बनाई है
की हूँ तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण 
तुम्हारी शरण

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