Saturday, June 29, 2013

शिव भोले भण्डारी साधु शिव भोले भण्डारी ।।

शिव भोले भण्डारी साधु शिव भोले भण्डारी
 
भस्मासुर ने करी तपस्या वर दीनो त्रिपुरारी ।
जिसके सिर पर हाथ धरूं भस्म होय नर नारी ।। शिव भोले ।।
 
शिव के सिर पर हाथ धरण की मन में दुष्ट विचारी ।
तब तो शिव चहूँ दिश डोले लग्यो दैत्य भारी ।। शिव भोले ।।
 
तब गिरीजा का रूप धर हरि बोले बात दुष्ट से प्यारी ।
जो तु मुझको नाच नचावे, बनूं नार तिहारी ।। शिव भोले ।।
 
अपने कर धर नाच किया तब भस्म भया मति मारी ।
शिव मण्डल मांगे सो देवे शिव भक्त हितकारी ।। शिव भोले ।।

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