Saturday, March 9, 2013

भजन भोले शंकर का करते रहोगे

भजन भोले शंकर का करते रहोगे
तो संसार सागर से तरते रहोगे

कृपानाथ वे शक मिलेंगे किसी दिन
जो सत्संग पथ से गुजरते रहोगे
तो संसार सागर से तरते रहोगे

चढोगे ह्रदय पर सभी के सदा तुम
जो अभिमान गिरी से उतरते रहोगे
तो संसार सागर से तरते रहोगे

न होगा कभी क्लेश मन को तुम्हारे
जो अपनी बड़ाई से डरते रहोगे
तो संसार सागर से तरते रहोगे

छलक ही पड़ेगा दया सिन्धु का दिल
जो दृग बिंदु से रोज भरते रहोगे
तो संसार सागर से तरते रहोगे

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