Tuesday, October 16, 2012

मैया है मेरी शेरोवाली शान है माँ की बड़ी निराली

मैया है मेरी शेरोवाली
शान है माँ की बड़ी निराली
सच्चा है माँ का दरबार
मैया का जबाव नही...

ऊँचे पर्वत भवन निराला
भवन मे देखो सिंह विशाला
सच्चा है माँ का दरबार
मैया का जबाव नही...

हाथों में कंगन खन - खन खनके
माथे की बिंदियाँ चम - चम चमके
लाल गले में हार
मैया का जबाव नही...

मेरी माँ है दुर्गा
माँ है काली
भक्तों की झोली भरने वाली
करती बेडा पार
मैया का जबाव नही...

नंगे पाँव अकबर आया
नाल सोने का छत्र चढ़ाया
दूर किया अहंकार
मैया का जबाव नही...
 

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