Sunday, June 5, 2011

आरती श्री केदारनाथ जी की

जय केदार उदार शंकर,
मन भयंकर दुःख हरम |

गौरी गणपति स्कन्द नन्दी,
श्री केदार नमाम्यहम् |

शैल सुन्दर अति हिमालय, 
शुभ मन्दिर सुन्दरम |

निकट मन्दाकिनी सरस्वती, 
जय केदार नमाम्यहम |

उदक कुण्ड है अधम पावन, 
रेतस कुण्ड मनोहरम |

हंस कुण्ड समीप सुन्दर,
जय केदार नमाम्यहम |

अन्नपूरणा सह अर्पणा, 
काल भैरव शोभितम |

पंच पाण्डव द्रोपदी सह,
जय केदार नमाम्यहम |

शिव दिगम्बर भस्मधारी,
अर्द्ध चन्द्र विभूषितम |

शीश गंगा कण्ठ फिणिपति,
जय केदार नमाम्यहम |

कर त्रिशूल विशाल डमरू,
ज्ञान गान विशारदम |

मझहेश्वर तुंग ईश्वर, 
रुद कल्प महेश्वरम |

पंच धन्य विशाल आलय,
जय केदार नमाम्यहम |

नाथ पावन हे विशालम |
पुण्यप्रद हर दर्शनम |

जय केदार उदार शंकर,
पाप ताप नमाम्यहम ||

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