Sunday, April 27, 2014

जय महेश जय जय त्रिलोचन । भगत त्रास त्रय ताप विमोचन ।।

जय महेश जय जय त्रिलोचन । 
भगत त्रास त्रय ताप विमोचन ।।

आशुतोष जय जलज विलोचन । 
भव सम्भव दारुण दुःख मोचन ।।

जयति जयति जय जय त्रिपुरारी । 
दनुज देव सेवक नर नारी ।।

विश्वनाथ जय जय जग कर्ता । 
आदिदेव पालक संहर्ता ।।

जय गंगाधर जय अहि भूषण । 
विगत विकार रहित सब दूषण ।।

जगदगुरु जय जगत विभूषण । 
धारत सरिस सुता गिरि भूषण ।।

जयति दयाकर सर्वस दाता । 
समरथ सदा दीन हित राता ।।

वेद पुराण जगत यश जागै । 
संतोष भगति रघुपति की मागै ।। 

भगत कामतरु करुणाधाम काशीनाथ विश्वम्भरं ।
दीनानाथ धरु मम सिर हाथ पाहि शंकर उमा वरं ।।

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