Tuesday, September 29, 2015

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है !

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है !
शिव बुध्दि, शिव चित, शिव मन विभोर है !!

शिव रात्रि, शिव दिवस, शिव स्वप्न शयन है !
शिव काल, शिव कला, शिव मास-अयन है !!

शिव शब्द, शिव अर्थ, शिव ही परमार्थ है !
शिव कर्म, शिव भाग्य, शिव पुरूषार्थ है !!

शिव स्नेह, शिव राग, शिव ही अनुराग है !
शिव कली, शिव कुसुम, शिव ही पराग है !!

शिव भोग, शिव त्याग, शिव तत्व ज्ञान है !
शिव भक्ति, शिव प्रेम, शिव ही विज्ञान है !!

शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष, शिव परम साध्य है !
शिव जीव, शिव बह्मा, शिव ही आराध्य है !!

।।ॐ नमः शिवाय।।

श्री शिव शंकर जी











ॐ है जीवन हमारा, ॐ प्राणाधार है |

ॐ है जीवन हमारा, ॐ प्राणाधार है | 
ॐ है कर्ता विधाता, ॐ पालनहार है ||

ॐ है दुःख का विनाशक, ॐ सर्वानन्द है | 
ॐ है बल तेजधारी, ॐ करुणाकंद है ||

ॐ सब का पूज्य है, हम ॐ का पूजन करें | 
ॐ ही के ध्यान से, हम शुद्ध अपना मन करें ||

ॐ के गुरुमंत्र जपने से, रहेगा शुद्ध मन | 
बुद्धि दिन प्रतिदिन बढ़ेगी, धर्म में होगी लगन ||

ॐ के जाप से हमारा, ज्ञान बढ़ता जायेगा | 
ॐ ही का जाप हमको, मुक्ति तक पहुँचायेगा ||

ॐ है जीवन हमारा, ॐ प्राणाधार है | 
ॐ है कर्ता विधाता, ॐ पालनहार है ||