Thursday, March 7, 2013

शिवरात्रि हम सबका प्यारा त्योहार

ओम नम: शिवाय, बम-बम भोले
हर भक्त जयकारा लगा के बोले
हिमालय कन्या का मन-तन डोले
शिवजी चले ब्याहने भस्म उड़ोले
साथ में भूत-पिशाचों की है टोली
नंदी सवारी, माथे चंदन क़ी रोली
हाथ त्रिशूल, गले सर्पों क़ी माला
वाघंबर डाले, लिए पीत दुशाला
सुर-नर-मुनि डाले पुष्पों क़ी माला
भाल चंद्रमा सुंदर आनन सोहे
जटाजूट में गंगा मन को मोहे
रूप अनोखा,शृंगार है विचित्र
सृष्टि के सर्जनहार का है चित्र
द्वार-चार पर स्वागत हैं करते
विवाह वेदी पर पैरो को धोते
देख पार्वती को मुस्काए करतार
नयनो के द्वारे शिव पालनहार
विवाह उत्सव मनाते हर बार
शिवरात्रि हम सबका प्यारा त्योहार

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