Thursday, October 13, 2011

शिवनाथ तेरी महिमा जब तीन लोक गाये

शिवनाथ तेरी महिमा आआआआआआआआआआआआ

शिवनाथ तेरी महिमा जब तीन लोक गाये
नाचे धरा गगन तो आआआआआआआआआआआआ
नाचे धरा गगन तो झूमे दसो दिशायें
शिवनाथ तेरी महिमा जब तीन लोक गाये

तू देव सबसे न्यारा तुझको नमन हमारा
लायी है तेरे द्वारे दर्शन की कामनाये
शिवनाथ तेरी महिमा
शिवनाथ तेरी महिमा पंछी पवन सुनायें
नाचे धरा गगन तो झूमे दसों दिशायें
शिव नाथ तेरी महिमा जब तीन लोक गाये

मस्तक पे चन्द्र आदा है रुप तेरा सदा
आयी है गंग धरा लेकर तेरी जटायें
शिव नाथ तेरी महिमा
शिवनाथ तेरी महिमा तारें गगन के गाये
नाचेधरा गगन तो झूमे दसो दिशायें
शिवनाथ तेरी महिमाजब तीन लोक गाये

है प्रेम की सुधा भी है रुपचन्द्रिका भी
हो नील कंठ वाले कैसे तुझे रिझाये
शिवनाथ तेरी महिमा सब देव लोक गाये
नाचे धरा गगन तो झूमें दसो दिशायें
शिवनाथ तेरी महिमा जब तीन लोक गाये...